लंदन।। मास्टर ब्लास्टर सचिन के सामने गेंदबाजी की तमन्ना दुनिया के हर बोलर की होती है। अपने क्रिकेट करियर में सचिन ने एक से बढ़कर एक खतरनाक बोलरों का सामना किया है , लेकिन बुधवार को लॉर्ड्स में उनका सामना 18 साल की एक हसीन बोलर से हुआ।
इंटरनैशनल क्रिकेट में सेंचुरीज की सेंचुरी बनाने की दहलीज पर खड़े सचिन तेंडुलकर को इस हसीन बोलर ने पूरे एक सेशन बोलिंग किया।
इंग्लैंड महिला अकादमी की युवा क्रिकेटर रवीना लखतारिया एमसीसी की युवा क्रिकेटर स्कॉलरशिप पर हैं। उनकी तमन्ना इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेलना है। सचिन भी एमसीसी के आजीवन मानद सदस्य हैं। वह प्रैक्टिस के लिए इसकी मदद ले सकते हैं।
इसी के तहत सचिन ने रवीना को चुना। उन्होंने पूरे सेशन रवीना की गेंदों का सामना किया।
रवीना के हवाले से ' द टेलीग्राफ ' ने लिखा है कि चैम्पियन ( तेंडुलकर ) को बोलिंग करके मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है। अब मुझे लगता है कि मैं निर्भीक होकर दुनिया में किसी भी बैट्समैन को बोलिंग कर सकती हूं।
रवीना ने कहा कि उन्होंने मुझे टिप्स भी दिए। उन्होंने बताया कि विकेट से मदद नहीं मिलने पर बोलिंग कैसे करें। बॉल की चमक का इस्तेमाल कब करें। यह बेहतरीन अनुभव रहा और मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि मैंने सचिन के लिए बोलिंग की।
इंटरनैशनल क्रिकेट में सेंचुरीज की सेंचुरी बनाने की दहलीज पर खड़े सचिन तेंडुलकर को इस हसीन बोलर ने पूरे एक सेशन बोलिंग किया।
इंग्लैंड महिला अकादमी की युवा क्रिकेटर रवीना लखतारिया एमसीसी की युवा क्रिकेटर स्कॉलरशिप पर हैं। उनकी तमन्ना इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेलना है। सचिन भी एमसीसी के आजीवन मानद सदस्य हैं। वह प्रैक्टिस के लिए इसकी मदद ले सकते हैं।

इसी के तहत सचिन ने रवीना को चुना। उन्होंने पूरे सेशन रवीना की गेंदों का सामना किया।
रवीना के हवाले से ' द टेलीग्राफ ' ने लिखा है कि चैम्पियन ( तेंडुलकर ) को बोलिंग करके मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है। अब मुझे लगता है कि मैं निर्भीक होकर दुनिया में किसी भी बैट्समैन को बोलिंग कर सकती हूं।
रवीना ने कहा कि उन्होंने मुझे टिप्स भी दिए। उन्होंने बताया कि विकेट से मदद नहीं मिलने पर बोलिंग कैसे करें। बॉल की चमक का इस्तेमाल कब करें। यह बेहतरीन अनुभव रहा और मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि मैंने सचिन के लिए बोलिंग की।