लंदन।। हर सेकंड 5 बच्चों के जन्म लेने के साथ ही इस साल अक्टूबर तक दुनिया की आबादी 7 अरब हो जाएगी।
'डेली मेल' की खबरों के मुताबिक करीब एक दशक पहले तक दुनिया की आबादी 6 अरब थी। लेकिन हर सेकंड 5 बच्चों के जन्म के साथ ही हर साल ग्लोबल कम्यूनिटी में 78 मिलियन की आबादी जुड़ जाती है। इस तरह से इस साल अक्टूबर के अंत तक दुनिया की जनसंख्या 7 अरब हो जाने की उम्मीद जताई गई है।
साल 1960 तक दुनिया की आबादी जहां 3 अरब थी, वहीं 1999 में ही यह 6 अरब पर पहुंच गई। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 2025 तक विश्व की आबादी 8 अरब तक पहुंच जाएगी।
हैरानी की बात यह है कि सबसे ज्यादा आबादी की रफ्तार विश्व के सबसे गरीब देशों में ही है, जहां अगले दशक में आबादी दोगुनी हो जाने की उम्मीद जताई गई है। नैशनल जियोग्राफिक मैगजीन में '7 अरब' नाम से लिखे गए अपने आर्टिकल में लेखक रॉबर्ट कुंजिग ने कहा है कि विश्व की आबादी अब भी करीब 8 करोड़ की रफ्तार से हर साल बढ़ रही है।
उन्होंने लिखा है कि पृथ्वी का जलस्तर नीचे जा रहा रहा है, मिट्टी का कटाव हो रहा है, ग्लेशियर पिघल रहे हैं। करीब एक अरब आबादी हर दिन भूखी रह जाती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक 2050 तक हम 9 अरब हो जाएंगे। कुंजिग का कहना है कि 9 अरब लोगों का खाना कैसे मुहैया करा पाएंगे, यह एक डराने वाला सवाल है।
'डेली मेल' की खबरों के मुताबिक करीब एक दशक पहले तक दुनिया की आबादी 6 अरब थी। लेकिन हर सेकंड 5 बच्चों के जन्म के साथ ही हर साल ग्लोबल कम्यूनिटी में 78 मिलियन की आबादी जुड़ जाती है। इस तरह से इस साल अक्टूबर के अंत तक दुनिया की जनसंख्या 7 अरब हो जाने की उम्मीद जताई गई है।
साल 1960 तक दुनिया की आबादी जहां 3 अरब थी, वहीं 1999 में ही यह 6 अरब पर पहुंच गई। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 2025 तक विश्व की आबादी 8 अरब तक पहुंच जाएगी।
हैरानी की बात यह है कि सबसे ज्यादा आबादी की रफ्तार विश्व के सबसे गरीब देशों में ही है, जहां अगले दशक में आबादी दोगुनी हो जाने की उम्मीद जताई गई है। नैशनल जियोग्राफिक मैगजीन में '7 अरब' नाम से लिखे गए अपने आर्टिकल में लेखक रॉबर्ट कुंजिग ने कहा है कि विश्व की आबादी अब भी करीब 8 करोड़ की रफ्तार से हर साल बढ़ रही है।
उन्होंने लिखा है कि पृथ्वी का जलस्तर नीचे जा रहा रहा है, मिट्टी का कटाव हो रहा है, ग्लेशियर पिघल रहे हैं। करीब एक अरब आबादी हर दिन भूखी रह जाती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक 2050 तक हम 9 अरब हो जाएंगे। कुंजिग का कहना है कि 9 अरब लोगों का खाना कैसे मुहैया करा पाएंगे, यह एक डराने वाला सवाल है।